गुरुवार, 4 अप्रैल 2013

Ajmer यहां आकर आपकी तलाश खत्म होती है।


अगर आप अपने और अपनों के संकट निवारण कर काम की सफलता और मनोरथ पूर्ण करने के लिए प्रयासरत हैं? अगर किसी ऐसे दिव्य साधन की खोज मेंं हैं जो ्रबिना किसी प्रपंच, बिना किसी खर्च और बहुत कम समय में केवल प्रार्थना और दर्शन मात्र से अपना प्रभाव दिखा सके तो यहां आकर आपकी तलाश खत्म होती है।
माता का नाम और परिचय ही सन्तोषी है, इसीलिए माता अपने भक्तों के बहुत ही कम प्रयास में भी संतुष्ठ होती है और मनोरथ पूरे करती है। अगर आप सच्चे मन से अपनी इच्छा मां के सामने प्रकट करते हैं और केवल प्रार्थना, पाठ और नियमित दर्शन करते हैं तो कठिन व्रत उपवास हमेशा जरूरी नहीं होता। ऐसा मेरा निजी अनुभव है। आप भी करके देखिए...
करना बस इतना है कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए उसे प्रार्थना की तरह बार-बार दोहराइए। कहते हैं 24 घंटे में एक समय ऐसा अवश्य आता है जब जबान पर मां शारदा वास करती है और उस समय कही गई बात पूरी होती है। यह शुभ बेला आए इसके लिए केवल मां संतोषी की चालिसा का पाठ अपने आप में पूरी स्तुति और पाठ है। यह चालिसा आप को इसी ब्लॉग में मिल जाएगी। यह माता की साइट पर भीे उपलब्ध है।
इसके बाद आता है दर्शन... तो यह और भी आसान है। यहां ब्लॉग पर माता की छवि है ही, वरना यह किसी भी धार्मिक छवि की दुकान पर मिल सकती है।
यह उपाय आप कहीं भी रहते हुए कर सकते हैं। माता बहुत भोली है...और संतोषी तो है ही। ऐक बार माँ को अपना कष्ठ कह कर तो देखिए और महसूस कीजिए कि निवारण कितना जल्दी और सरल होता है।
अगर आप अजमेर शहर या आसपास रहते हैं तो आपका लक्ष्य बहुत ही आसान है सीधे मंदिर आइए और केवल दर्शन मात्र से मनोरथ पूर्ण करिए। यह मंदिर अजमेर के वैशाली नगर में है, और इतना सिद्ध और प्रसिद्ध है कि किसी से भी पूछेंगे तो वह बता देगा।
(यह बिना किसी स्वार्थ के केवल जनहित में प्रसारित है- राहुल)

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